Wednesday, March 19, 2008

एक सुन्दरी मेरे जीवन मे (परिचय)

एक सुन्दरी मेरे जीवन मे (परिचय)

- पंकज अवधिया

एक दिन घर की छत पर हमे कुछ तोते घायल अवस्था मे मिले। उनका उपचार आरम्भ किया तो दो ही बच पाये। बाद मे एक और तोते को हम नही बचा पाये। अब जो बचा वह मेल है कि फीमेल, इसे लेकर असमंजस मे रहे। जानकार लोगो ने बताया कि यदि इसके सिर का रंग बडे होने पर लाल हुआ तो मेल होगा। पर यह तोता इतना प्यार था कि इसका नाम सुन्दरी रख दिया गया। जब सुन्दरी बडी हुयी तो पता चला कि यह तो मेल है। सबने सोचा अब इसे सुन्दरलाल पुकारा जाये पर इससे सुन्दरी दुखी रहने लगी। इसलिये सब कुछ जानते हुये भी हम सब उसे सुन्दरी कहते है। इस लिंक मे जाकर आप सुन्दरी की तस्वीरे देखिये। मेरी लेखमाला इसी के आस-पास घूमेगी।

http://ecoport.org/ep?SearchType=pdb&PdbID=103267

http://ecoport.org/ep?SearchType=pdb&PdbID=103265

http://ecoport.org/ep?SearchType=pdb&Subject=Psittacula+cyanocephala&Author=oudhia&SubjectWild=CO&Thumbnails=Only&CaptionWild=CO&AuthorWild=CO


3 comments:

राज भाटिय़ा said...

पकंज जी, भाई यह सच मे ही सुन्दरी हे, हमारे पाद भी ऎसे दो पक्षी हे, पुछने पर बेचने बाले ने बतया था, इन की चॊंच अगर पीली हो तो यह सुन्दरी हे, नीली हो तो सुन्दर लाल जी.

Gyan Dutt Pandey said...

फोटो सही में अच्छा लग रहा है सुन्दरी/सुन्दरलाल का।

mamta said...

सुंदरी से परिचय अच्छा लगा। फोटो तो और सुंदर है।